अनार्याणां प्रवेश: निषिद्ध
सुशांत सुप्रिय पंडित ओंकारनाथ संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे । लोग उनके पांडित्य का लोहा मानते थे । पांडित्य उन्हें...
सुशांत सुप्रिय पंडित ओंकारनाथ संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे । लोग उनके पांडित्य का लोहा मानते थे । पांडित्य उन्हें...
आदिवासियों के लिए भगवान तुल्य, दानवीर एवं प्रजावत्सल राजा का दूसरा नाम प्रवीरचंद्र भंजदेव था। हिंदुस्तान के नक्शे में बस्तर...
काव्य में उलटबासी कहने की परंपरा वैदिककाल से चली आ रही है। सर्वप्राचीन ग्रंथ ऋगवेद में इस प्रकार कहा गया...
लोकतंत्र का मजबूत आधार है हिंदी, सप्रे साहित्य और पांडुलिपियों के प्रकाशन की घोषणा रायपुर। पं माधवराव सप्रे की 150...
फरवरी माह के बीच दादा का फ़ोन आया , माह के अंत मे कुंभलगढ़ जाने का विचार है , चलोगे?...
मनीषा खटाटे नासिक महाराष्ट्र. प्रास्ताविक — काल समय के अनुसार बार बार लौटता है.वर्तमान मनुष्य की सभ्यता फिर से वही...
हिंदी के सुपरिचित एवं विशिष्ट कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने जब अपनी काव्य-यात्रा शुरू की तो वह छायावाद के उत्थान...
"खुमान साव होने का अर्थ" खुमान साव किसी व्यक्ति का नहीं, वस्तुतः छत्तीसगढ़ी संगीत का नाम है। खुमान साव छत्तीसगढ़ी...
मूल लेखक : हर्नांडो टेलेज़ अनुवाद : सुशांत सुप्रिय दुकान में घुसते हुए उसने कुछ नहीं कहा । मैं अपने...