जबलपुर की गुमनाम फिल्मी-हस्ती..
4 अप्रेल 1904 में जबलपुर,मध्य प्रदेश के एक पठान परिवार में जन्मे याक़ूब महबूब ख़ान, जिन्हें याक़ूब के नाम से...
4 अप्रेल 1904 में जबलपुर,मध्य प्रदेश के एक पठान परिवार में जन्मे याक़ूब महबूब ख़ान, जिन्हें याक़ूब के नाम से...
राम विज्ञापन आया है, सहायक प्राध्यापक पद हेतु विकास ने कहा। पद पर्मानेंट है या काॅन्ट्रैक्ट बेसिस पर राम ने...
विश्वजीत:" कल्याण पढ़ाई महत्वपूर्ण है ज़िंदगी में।" कल्याण:" हां। सही है विश्वजीत तुम्हारा। लेकिन परिस्थिति पढ़ाई करने जैसी नहीं है।...
कूड़ाघर नदियाँ बनीं, सूखे सब तालाब। खोज रही है सभ्यता, अब चंदा पर आब।। हम नदियों के मार्ग को, नित...
सबने फूल -फूल चुन लिए,मैं कांटे उठा लाया। सब फूल झड़ गए,कांटों से कांटे निकालता रहा।। उनकी मुट्ठी में चांद...
प्रेम और सम्वेदना मनुष्य की सहजवृत्ति हैं। हमारा संवेदनात्मक लगाव केवल 'अपनों' से नहीं अपितु 'दूसरों' से भी हो सकता...
समकालीन राजनीति और साहित्य में आदिवासी स्वर तीव्रता से उभर कर आया है; जो स्वाभाविक है. एक लंबे समय तक...
छात्र संघ चुनाव के वोट पड़ चुके थे सभी को वोटों के परिणामों का वेसब्री से इंतजार था ।खाकी वर्दी...
-डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ आचार्य श्री देवनन्दि दिगम्बर जैन स्वाध्याय एवं शोध संस्थान, नैनागिरि में एक लगभग चार सौ वर्ष...