नवगीत वाङ्मय : एक स्वागत योग्य संकलन — गंगाप्रसाद ‘गुणशेखर
“नवगीत के समर्थ आलोचक और युवा नवगीतकार अवनीश सिंह चौहान के संपादन में आया हुआ ‘नवगीत वाङ्मय’ हमारे सामने है। इसमें मुख्य रूप से नौ समकालीन रचनाकारों के नौ-नौ नवगीत संकलित हैं। इसके मुख्य भाग को ‘नवरंग’ नाम दिया गया है। इस संग्रह का ‘समारंभ’ शम्भुनाथ सिंह, शिवबहादुर सिंह भदौरिया और राजेंद्र प्रसाद सिंह जैसे नवगीतकारों से किया गया है, जो नवगीत की आधारशिला रखने वालों में अग्रणी रहे हैं। इस संग्रह के अंत में सुप्रसिद्ध गीतकार-संपादक दिनेश सिंह का 20 पृष्ठीय आलोचनात्मक आलेख और अवनीश सिंह चौहान द्वारा लिया गया मधुसूदन साहा का साक्षात्कार नवगीत को समझने में बहुत सहायक है।” — गंगाप्रसाद ‘गुणशेखर
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