समीक्षा : मुस्कान के साथ सोचने को विवश करती “ये दुनिया वाले पूछेंगे”
सर्वप्रथम “ये दुनिया वाले पूछेंगे” व्यंग्य संग्रह हेतु डॉ. प्रदीप उपाध्यायजी को बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ. इस पुस्तक का प्रकाशन सर्वप्रिय...
सर्वप्रथम “ये दुनिया वाले पूछेंगे” व्यंग्य संग्रह हेतु डॉ. प्रदीप उपाध्यायजी को बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ. इस पुस्तक का प्रकाशन सर्वप्रिय...
सामंती जीवन मूल्यों में स्त्री की स्थिति अजीब रहती रही। एक तरफ जहां उसकी स्वतंत्र अस्मिता को स्वीकार ही नही...
सबक कोरोना ने भारत सहित पूरी दुनिया को यह सिखला दिया है कि सभी देशों में मेडिकल व्यवस्था को बहुत...
शिरोमणि माथुर द्वारा विरचित अर्पण नामक किताब जैसे ही मेरे हाथ में आया ,मैंने एक ही दिन में पूरी रचना...
हरे प्रकाश उपाध्याय के गद्य और पद्य, दोनों, का मैं प्रशंसक रहा हूँ. उनके उपन्यास 'बखेड़ापुर ' को मैं हिंदी...
संदीप तोमर का जन्म ७ जून १९७५ को उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फरनगर के गंगधाड़ी नामक गॉंव में हुआ। उन्होंने...