April 19, 2025

साहित्य

सच्ची सेवा का वक्त है महात्मनों !

हे सभी धर्मों के वीतरागियों ,महानुभावों !परहित और मनुष्यता को हीधर्म का मूल मानने वालों !उपदेश देकरसेवा का पुण्य फल...

एक कोशिश ताकां

जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...

पुष्पिता अवस्थी की दो कविताएं

नदी/पुष्पिता नदी के पासअपना दर्पण हैजिसमें नदी देखती है ख़ुद कोआकाश के साथ। नदी के पासअपनी भाषा हैप्रवाह में ही...

षष्ठी पूर्ति के अवसर पर – लोक साहित्य परंपरा के समृद्ध लेखक दुर्गा प्रसाद पारकर

डुमन लाल ध्रुवछत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक, गीतकार, नाटककार उपन्यासकार, स्तंभकार श्री दुर्गा प्रसाद पारकर जी अपनी पीढ़ी और निषाद...