कुछ लोग गणित अच्छा जानते है
कुछ लोग गणित अच्छा जानते है,
और कुछ –
मन को पढ़ना,
वे जोड़ते – घटाते थक जाते है जब
तो ढूंढते है की कोई हो जो
उनका ‘मन’ पढ़ सके
जो थक चुका है, गुणा – भाग से
दूसरों से छीनकर खुद को बढ़ाने की भागमभाग से
लेकिन,
वो जो मन पढ़ लिया करते थे
मन टूटने पर
जोड़ना सीख गए !
अब समझने लगे है गणित का ग
जो शुरू होता है – प्रेम से
फलता -फूलता है बावलों से
जो मन भरकर देते है ‘मन’
उन्हें लुटते देख हंसते है वे खाली मन और खुश होकर समेटते है
कमाया हुआ गणित !
जो बढ़ता रहेगा निरन्तर
लेकिन मन और गणित एक ही बक्से में नही आते
और मनवालों के बिना जोड़ी हुई संख्या कितनी ही बड़ी क्यूँ न हो
आखिर में केवल शून्य बचता है।
प्रियंका वाघेला
2/9/2021