सारंगढ़ के चावल और हैदराबाद की बिरयानी
डॉ. परिवेश मिश्रा साल 1946 के शुरूआती तीन महिनों में सारंगढ़ राज्य के हर गांव में ढेंकियों की आवाज़ गूंज...
डॉ. परिवेश मिश्रा साल 1946 के शुरूआती तीन महिनों में सारंगढ़ राज्य के हर गांव में ढेंकियों की आवाज़ गूंज...
नसीब वाली हूँ जो तेरा इंतख़ाब हूं मैं , तेरी नज़र में महकता हुआ गुलाब हूं मैं l ज़रा -ज़रा...
कभी साहित्य ने धर्म को दिशा दी थी जिसका प्रमाण रामायण और महाभारत से लेकर भारत के लगभग हजार सालों...
घर के जोगी जोगड़ा, आन गाँव के सिद्ध - तइहा के जमाना के हाना आय। अब हमन नँगत हुसियार हो...
लक्खू, राम-भजन कब होई? हाथ-गोड़ अब सिकुड़न लागे, कठिन वक्त है आगे, माया ठगनी के चक्कर में, फिरो न भागे-भागे।...
भर्री भाँठा खार भँठागे, घटके कती उन्हारी। चना गहूँ सरसो अरसी के, चक हे ना रखवारी।। पहली जम्मों गांव गांव...
वश में कर सके, है बस में किस के ये बंधन - डोर तुमने ही बांधे कस के सांसों की...
- रज़िया सज्जाद ज़हीर प्रगतिशील लेखक संघ के संस्थापक सज्जाद जहीर को तो पूरी दुनिया जानती है लेकिन उनकी अफसाना...
हमन जब कभू छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच के माध्यम ले छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत के जागरण अउ गौरवशाली रूप के बात करथन त...