मेरा सर्वस्व अर्पित
सांस-सांस समर्पित, मेरे प्राण समर्पित । है निवेदन ! करो स्वीकार रक्त का कण -कण । न झुकने दूंगा भाल,...
सांस-सांस समर्पित, मेरे प्राण समर्पित । है निवेदन ! करो स्वीकार रक्त का कण -कण । न झुकने दूंगा भाल,...
ओ नौनिहालों अब लाज अपने वतन की, तुम्हारे इन हाथों में है इसे तुम संम्हालोगे। तुम्ही कर्मवीर तुम्ही बांके रणधीर,...
कहानी मनुष्य के सामाजिक विकास के प्रारंभिक दौर से ही प्रचलित रही है. सम्भवतः कहानी जीवन के यथार्थ घटनाओं को...
(1) ये तो सच है दौलत पास नहीं है, लुट जाने का डर भी ख़ास नहीं है। बातें होंगी जी-भर...
डोरबेल बजाने के साथ दरवाजा भी थपथपाया जा रहा था। मैं समझ गयी हमारी मेड होगी। इतनी जल्दबाजी उसे ही...
ये क्या आधी रात तुम लाइट जलाकर कर सबका नींद खराब करती रहती हो...?":" झल्लाकर,,, समीर ने सुधा को कहा...।...
सौ बीघा जमीन के मालिक रामनाथ की जिंदगी बड़ी रूखी -सूखी सी गुजर रही थी । खेतीवाड़ी को नौकर चाकर...
मुश्किल कहां सबकुछ आसान तो है, दुनियाँ में हर समस्या का समाधान तो है, ढूँढोगे तो हल मिलेगा,सब आसान तो...