April 21, 2025

साहित्य

डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय की कविताएं

सबने फूल -फूल चुन लिए,मैं कांटे उठा लाया। सब फूल झड़ गए,कांटों से कांटे निकालता रहा।। उनकी मुट्ठी में चांद...

लछमनिया का चूल्हा:अस्मिता और अधिकार की चिंता

समकालीन राजनीति और साहित्य में आदिवासी स्वर तीव्रता से उभर कर आया है; जो स्वाभाविक है. एक लंबे समय तक...

चार सौ वर्ष प्राचीन अप्रकाशित पाण्डुलिपि : रामहनु कथा रास

-डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ आचार्य श्री देवनन्दि दिगम्बर जैन स्वाध्याय एवं शोध संस्थान, नैनागिरि में एक लगभग चार सौ वर्ष...