इक ताज़ा ग़ज़ल के चंद अशआर आप सभी की खिदमत में पेश है मुलाहिज़ा हो…..
हौसलों का क्या करेंगे जब सलामत सर नहीं कैसे ले परवाज़ वो पंछी कि जिसके पर नहीं //१// इक मुसलसल...
हौसलों का क्या करेंगे जब सलामत सर नहीं कैसे ले परवाज़ वो पंछी कि जिसके पर नहीं //१// इक मुसलसल...
प्रिय भारत! शोध की खातिर किस दुनिया में ? कहां गए ? साक्षात्कार रेणु से लेने ? बातचीत महावीर से...
होता है श्रमशील जो धैर्य वृत्ति के साथ। मधुर वचन सम्मान से पकड़े जन का हाथ।। सदा लक्ष्मी की कृपा...
मुझे अपने अस्तित्व को सार्थक करना है। हस्ती भले ही हो पल दो पल की किंतु सुमन बनकर अपनी महक...
दुःख दर्द मान अपमान चोट घाव चीख आहें कविता इसी दुनिया में बनती बिगड़ती है देखता हूँ कितनी बन सकी...
कल बापू को देखा ! सपने इतने ख़ूबसूरत भी होते हैं ! -सरला माहेश्वरी सपने में ही सही कल बापू...
मूल लेखक : अन्तोन चेखव अनुवाद : सुशांत सुप्रिय " मैं अपना दुखड़ा किसे सुनाऊँ ? " शाम के धुँधलके...
मिलन प्रिये जब तुमसे होगा, दिल की हम तुम बात करेंगे। नयनों से हम नयन मिलाकर, तुझसे इश्क इजहार करेंगे।।...
शायर : सतपाल “ख़याल” ग़ज़ल : 1 जब से बाज़ार हो गई दुनिया तब से बीमार हो गई दुनिया चंद...