April 20, 2025

कविता

“हिन्दी जिस ठाँव उस ठाँव में रहूँगा!”

संवाद के क्षण मुझे भान होता है कि मैं ज़िंदा हूँ... मुझे ज़िंदा होने का अहसास दिलाती है भाषा! मेरी...