November 22, 2024

आलेख

तुम्हारी बुनी हुई प्रार्थना : लोकजीवन का प्रेम और प्रतिरोध

समकालीन सृजनरत कवियों में रजत कृष्ण की विशिष्ट पहचान है।उनके यहां लोकजीवन की जितनी गहरी समझ है, उतना ही उसका...

मेघा के बरसे अउ महतारी के परोसे : कहावतों का लोक सन्दर्भ

लोकोक्तियाँ मनुष्य के सामाजिक जीवन के दीर्घकालीन अनुभव के परिणामस्वरूप सृजित होती हैं।इस अनुभव क्षेत्र का दायरा काफी विस्तृत होता...

अपना सा लगता है घर: अपनेपन के अहसास की कहानियां

वरिष्ठ साहित्यकार सत्यभामा आड़िल छत्तीसगढ़ के साहित्य जगत में चर्चित नाम हैं। कविता, उपन्यास, नाटक, लोकसाहित्य आदि विविध क्षेत्रों में...

सिंहावलोकन : छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति की झलक

राहुल कुमार सिंह जी छत्तीसगढ़ के चर्चित पुरातत्वविज्ञ और सांस्कृतिक अध्येता हैं। मगर इसके अलावा साहित्य एवं कला में भी...

नदी उसी तरह सुंदर थी जैसे कोई बाघ : संवेदना का विस्तार करती कविताएं

कविता कर्म स्वाभाविक रूप से कवि की संवेदनात्मक प्रतिक्रिया है,जो ज़ाहिर है विवेक रहित नहीं होती। इसलिए एक ही घटना...

सप्रे संग्रहालय की बौद्धिक संपदा में जुड़ा नया आयाम

सुप्रसिद्ध कहानीकार चित्रा मुद्गल ने सौंपा अपना साहित्यिक खजाना राजधानी भोपाल ही नहीं, देश और प्रदेश में ज्ञान तीर्थ की...

इब्नबतूता की भारत यात्रा: चौदहवी शताब्दी का भारत

प्राचीन काल से भारत मे विदेशी यात्री आते रहे हैं. कुछ आक्रमणकारियों के साथ, कुछ व्यापारियों के साथ,तो कुछ धार्मिक-तात्विक...

विशेष लेख: सरकार भयमुक्त एवं विधिसम्मत शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध

मनोज सिंह, सहायक संचालक नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को दिलाई जा चुकी है मुकदमों से मुक्ति...

विशेष लेख  : सप्रे जी के समय राष्ट्रीय स्तर पर पहचान था गौरेला-पेन्ड्रा का

गौरेला-पेन्ड्रा की पहचान गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर और श्री माधवराव सप्रेजी के समय राष्ट्रीय स्तर पर थी। सौ साल पहले...