April 19, 2025

आलेख

अनार्याणां प्रवेश: निषिद्ध

सुशांत सुप्रिय पंडित ओंकारनाथ संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे । लोग उनके पांडित्य का लोहा मानते थे । पांडित्य उन्हें...

महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव पर विशेष

आदिवासियों के लिए भगवान तुल्य, दानवीर एवं प्रजावत्सल राजा का दूसरा नाम प्रवीरचंद्र भंजदेव था। हिंदुस्तान के नक्शे में बस्तर...

पं माधवराव सप्रे की 150वीं जयंती वर्ष का शुभारंभ

लोकतंत्र का मजबूत आधार है हिंदी, सप्रे साहित्य और पांडुलिपियों के प्रकाशन की घोषणा रायपुर। पं माधवराव सप्रे की 150...

२१ वी सदी में आदिम मानव की साहित्य सभ्यता

मनीषा खटाटे नासिक महाराष्ट्र. प्रास्ताविक — काल समय के अनुसार बार बार लौटता है.वर्तमान मनुष्य की सभ्यता फिर से वही...

लोक चेतना के कवि : भवानी प्रसाद मिश्र

हिंदी के सुपरिचित एवं विशिष्ट कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने जब अपनी काव्य-यात्रा शुरू की तो वह छायावाद के उत्थान...

दाऊ रामचन्द्र देशमुख कृत चंदैनी गोंदा के कलाकार श्री विजय दिल्लीवार “वर्तमान” की कलम से….

"खुमान साव होने का अर्थ" खुमान साव किसी व्यक्ति का नहीं, वस्तुतः छत्तीसगढ़ी संगीत का नाम है। खुमान साव छत्तीसगढ़ी...