April 11, 2025

Year: 2023

मर्यादा कहने सुनने की (ताटंक)

कहने सुनने वाली भाषा, शान मर्यादा रखती है। केवल कहने सुनने से जो, दुख भी आधा करती है। बातचीत ऐसा...

हँसने वाला और हँसेगा…

हँसने वाला और हँसेगा इससे ज़्यादा क्या होगा मेरा ग़ुस्सा और बढ़ेगा इससे ज़्यादा क्या होगा पानी मेरे शहर तलक...

छत्तीसगढ़ी कहिनी : रूख के रक्सा

एक घाव एक झिन रद्दा रेंगइया मनखे हर जंगल कोती ले जावत रिहिस। जेठ के महिना रिहिस। घाम हर मुड़ी...

विज्ञान व्रत के नवीनतम ग़ज़ल संग्रह “रौशनी है आपसे”

विज्ञान व्रत हमारे समय की ग़ज़ल का एक सुपरिचित नाम हैं। पिछले कुछ दशकों में ये ग़ज़ल और हिन्दी ग़ज़ल...

ऑफ द रिकॉर्ड ! पत्रकारिता का क्षरण :अब हम न्यूज़ नही व्यूज परोसते हैं!

पत्रकारिता और साहित्य कभी समाज के दो पलड़े रहे होंगे। जो भी पत्रकार होता था कमोवेश सहित्य में भी दखल...