मिर्ज़ा मसूद : उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी
गिरीश पंकज मिर्ज़ा मसूद जी की काया 20 जुलाई को रायपुर में सुपुर्द-ए-खाक हो गई. 19 जुलाई को उनका इंतकाल...
गिरीश पंकज मिर्ज़ा मसूद जी की काया 20 जुलाई को रायपुर में सुपुर्द-ए-खाक हो गई. 19 जुलाई को उनका इंतकाल...
अब दूर गगन में कहीं खो गया है सुबह 5 बजे मेरा मोबाइल बज रहा है पर मैं गहरी नींद...
जब मैंने तुझसे प्रेम करने से पहले ही नहीं पूछा तो क्यों कर पूछती भला ..? कोई भी वजह प्रेम...
*** मेरा गांव गांव के लोग गांव की मिट्टी गांव की हरीयाली गांव का खेत खलिहान गांव का हर कोना...
( प्रथम किस्त.....................बातें कुछ ज्यादा लम्बी है और विभिन्न विषयों पर है इसलिये इसे किस्तो में पोस्ट कर रहा हूं।...
राचर एक दरवाजा होता है जो घर के बाहर घेरे से अंदर आने की जगह पर लगा रहता है। यह...
-------------------------------- कविता / डॉ. वागीश सारस्वत हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ तुम भी बखूबी जानती हो ये बात जान...
बात 1956 की है । मैं उस साल दिल्ली के लिए प्रस्थान कर रहा था क्योंकि लोकसभा सचिवालय में मेरी...
कविता को धैर्य पूर्वक पढ़ सकने का समय दे सकें तो पढ़े। कविता विस्तारित है किंतु , स्त्री मन की...
क्रांति का सुलगता गीत थे तुम स्वातंत्र-समरांग के संगीत थे तुम तेजाब बनकर आंख में अंगार के शोले जगाए दुश्मनों...