यशस्वी गीतकार कवि दादा श्री नारायण लाल परमार …
हमारे शरीर में आंखें होती हैं ठीक उसी तरह जिस तरह किसी मकान में खिड़कियां होती हैं अर्थात खिड़कियां किसी...
हमारे शरीर में आंखें होती हैं ठीक उसी तरह जिस तरह किसी मकान में खिड़कियां होती हैं अर्थात खिड़कियां किसी...
अपनी खिड़की के कांच में जमी धुंध पर कभी लिखा था तुमने उंगलियों से मेरा नाम वह धुंध लौट आई...
पुष्पा 2 : हमारे विद्रोह और दबे अरमानों का प्रतीक है पुष्पा _________ " एक व्यक्ति अन्न उगाता है दूसरा...
क्यूँ ही देखी भाली दुनिया है कितनी जंजाली दुनिया बेसुध सा कर के रखती है ख़ुसरो की क़व्वाली दुनिया अपना...
अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध कवि मिल्टन के अनुसार कविता सादी, जोश से भरी और असलियत के निकट होनी चाहिए। ये तीनों...
हर पीढ़ी पुरानी होती है और नई पीढ़ी आती है,यह प्राकृतिक है। पुराना पौधा, वृक्ष बनता है, मुरझाता है और...
Satyadev Dubey was a legendary Indian theatre director, actor, playwright, screenwriter, and film director. Known for his immense contributions to...
अतीत के फफोले, मरहम तुम। अध्याय दुख के सहारा तुम। तपस्या उम्रभर की, वरदान तुम। बैचेनियाॅं इस दिल की, राहत...