माधुरी कर की कविता
मां मेरी आवाज सुननन्हे हाथ से तोड़ रहे पत्थरहथौड़े की आवाजमां, क्या सुन नहीं पातीतेरे ऊंचे गलियारे के नीचे देखचिलचिलाती...
मां मेरी आवाज सुननन्हे हाथ से तोड़ रहे पत्थरहथौड़े की आवाजमां, क्या सुन नहीं पातीतेरे ऊंचे गलियारे के नीचे देखचिलचिलाती...
दौर-ए-मुश्किल है हर इंसान परेशां है मगरये बुरा वक्त भीजाने के लिए आया है छुपा बैठा है घरों मेंहर एक...
तुमसे कहना है कहना है मुझे तुमसेवो अविस्मरणीय मीठी बात।झिलमिल चाँदनी कीवो मुलाकात सारी याद।। हरी-भरी पगडण्डियों मेंहमारा इठलाते गुजरना।चाँद-सितारे...
मौसम बदल गया है तो तू भी बदल के देख / दरवेश भारती दरवेश भारती » मौसम बदल गया है...
"खाली हाथ" आपदा का अवसर है,फायदा छोड़ दें|सेवा के कारक बनें,अहंकार तोड़ दें|मन में प्रतिज्ञा करें,काम शुरू कीजिए|जितना भी हो...
संदीप तोमर का जन्म ७ जून १९७५ को उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फरनगर के गंगधाड़ी नामक गॉंव में हुआ। उन्होंने...
मेरे अन्दाज़ आज भी सबको पुराने लगते हैं।कल ही के तो सारे किस्से और फसाने लगते हैं।मैं वो काज ही...
समीक्षक- विभूति भूषण झा श्रीमती निमिषा सिंघल सर्वप्रथम “जब नाराज होगी प्रकृति” कविता संग्रह हेतु श्रीमती निमिषा सिंघलजी को मैं...
-श्रवण गर्ग दो लाख से ज़्यादा कोरोना अभागों की दुर्भाग्यपूर्ण विदाई के बीच बंगाल के प्रतिष्ठापूर्ण चुनावों में हुई सिर्फ़...
जनकवि की संवेदना व्यक्तिगत नहीं होती। उसकी रचनाओं में सार्वजनिक पीड़ा , मज़दूरों की जुझारू चेतना, व्यवस्था एवं प्रभुत्वसंपन्न वर्ग...