November 23, 2024

साहित्य

प्रभाती मिंज की दो कविताएं

तुमसे कहना है कहना है मुझे तुमसेवो अविस्मरणीय मीठी बात।झिलमिल चाँदनी कीवो मुलाकात सारी याद।। हरी-भरी पगडण्डियों मेंहमारा इठलाते गुजरना।चाँद-सितारे...

जनादेश ममता के पक्ष में नहीं, प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ है

-श्रवण गर्ग दो लाख से ज़्यादा कोरोना अभागों की दुर्भाग्यपूर्ण विदाई के बीच बंगाल के प्रतिष्ठापूर्ण चुनावों में हुई सिर्फ़...

डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ का जनवादी तेवर

जनकवि की संवेदना व्यक्तिगत नहीं होती। उसकी रचनाओं में सार्वजनिक पीड़ा , मज़दूरों की जुझारू चेतना, व्यवस्था एवं प्रभुत्वसंपन्न वर्ग...