सुरता चंदैनी गोंदा – 1, “दाऊ रामचंद्र देशमुख के चंदैनी-गोंदा की कथावस्तु”
(पोस्ट काफी लंबी है, इच्छुक पाठक कृपया फुरसत से और इत्मीनान से पढ़िए) उद्घोषक - मूल कार्यक्रम प्रारंभ करने के...
(पोस्ट काफी लंबी है, इच्छुक पाठक कृपया फुरसत से और इत्मीनान से पढ़िए) उद्घोषक - मूल कार्यक्रम प्रारंभ करने के...
प्रगतिशील आलोचना हमेशा अपने समय के संकटो,चुनौतियों का सामना करती रही है। स्वतंत्रता पूर्व उसने सामन्तवादी-पूंजीवादी मूल्यों के साथ-साथ साम्राज्यवाद...
नवा बछर के नवा बिहनिया हो....... नवा सुरुज अब आ गे। आवव संगी जुरमिल चलबो, अँधियारी हा भगा गे।। नवा...
वन उपवन खोते गए, जब से हुआ विकास । सच पूछें तो हो गया, जीवन कारावास ।। पवन विषैली आज...
साहित्य - कला- संस्कृति ♦ फोटो एवं प्रस्तुति : सिद्धेश्वर °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "दिल का बोझ न बढ़ जाए,हम अरमान कम रखते...
बस मुग्ध हूँ, नम हैं आँखें… लेखन पर मुग्ध और उर्मिला की पीड़ा के सटीक बयान पर नम हैं आँखें....
इस दहशतगर्द मौसम में कुत्ते भौंकते तो है जबकि आदमी सभ्यता का लबादा ओढकर दडबे में हो जाता है कैद...
डॉ सुधीर शर्मा छेरछेरा छत्तीसगढ़ का लोक तिहार है। यह लोक को धर्म, अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति से जोड़ता है।...
रात, कुत्ते रो रहे थे, पता नहीं अशगुन होने वाला था हमारे लिए या वे हमारे किए अशगुन पर रो...
तुम जल्दी ही सबके सम्मुख अपनी अपूर्ण संपूर्णता में उपस्थित होंगी। सबकी शुभकामनाओं के लिए, प्रेम, अपनत्व और आलोचनाओं के...