हर ओर से खारिज, खत न समझ…
हर ओर से खारिज, खत न समझ मैं नींव हूं घर की,छत न समझ * लिखने की सजा पायी है...
हर ओर से खारिज, खत न समझ मैं नींव हूं घर की,छत न समझ * लिखने की सजा पायी है...
कविता की रचना प्रक्रिया और रचनात्मक प्रेरणा पर बात होती रही है। आधुनिक युग मे रामचन्द्र शुक्ल से लेकर मुक्तिबोध...
बड़ा ही अटपटा था मित्र अत्याचार हो जाना। सभा थी राम की लेकिन सिया पर वार हो जाना। खड़े थे...
मनुष्य सामाजिक प्राणी है, अतः वह समूह में रहता है। उस समूह में अनेक लोगों से जुडा रहता है। वह...
एक नई रस्म बनाते है बेटी की जगह बेटों को विदा कराते है बेटों की मांग भराई करते है दहेज...
जब तय करेंगे बसंत से पतझड़ का सफर हमतुम, तब करना तुम प्रेम सर्वाधिक। जब संताने जा बसेगीं अपने अपने...
नहीं लौटा सकते तो उनके पास यहीं मिट्टी में मिल जाने दीजिए। आपने देखा है न उन्हें। चौड़ा माथा, गहरी...
भावों की गहनता में भावों की गहनता में कोई इतना डूब जाए और लिख दे उन्हें कलम उठाकर पन्नों पर...
शरद ऋतु न जाने कितने की लोकपर्वों की खान है, पहले उत्सव का उल्लास बीतता नहीं कि दूसरा उत्सव अपने...
हिंदी फिल्म उद्योग ने लंबे समय से ‘सिंघम’ और ‘दबंग’ जैसी फिल्मों के माध्यम से पुलिस की अनियंत्रित शक्ति के...