पाठ : खुला पाठ बनाम ‘कुपाठ ‘
( संदर्भ : नवजागरण : कबीर , प्रसाद और हम ) भाग : 4 ______________ मित्रो , आचार्य रामचंद्र शुक्ल...
( संदर्भ : नवजागरण : कबीर , प्रसाद और हम ) भाग : 4 ______________ मित्रो , आचार्य रामचंद्र शुक्ल...
अदीबयात्रा के प्रति आभार। कुछ ही पहले, संपादक इंदुकांत आंगीरस जी का फोन आया और उन्होंने कविताओं के मेरे द्वारा...
लेख/निमाई प्रधान'क्षितिज' यह 'लेथा' है। हमारे कोलता समाज का एक महत्त्वपूर्ण व्यंजन। समाज में कोई भी सामूहिक कार्यक्रम हो,एक शिशु...
आरुषि इस्लामोफोबिया और हिन्दुफोबिया दोनों एक दूसरे के पूरक प्रश्न है। इन्हीं में से किसी एक शब्द का दूसरे के...
प्रेमचन्द के छोटे बेटे अमृत राय की आज जन्म शती है। अमूमन हम उनके साहित्यिक अवदान पर कम ही बात...
कुछ लोग गणित अच्छा जानते है, और कुछ - मन को पढ़ना, वे जोड़ते - घटाते थक जाते है जब...
सारे दिन जरूरी , गैरजरूरी कामों में खुद को उलझाए रखती हूं , जानती हूं रात आएगी जो सिर्फ़ मेरी...
घोड़ा, घोड़ा समय का घोड़ा जिससे तेज कोई ना दौड़ा घोड़ा, घोड़ा समय का घोड़ा अड़ा कभी ना थका न...
28 अगस्त 2021 की संध्या का एक टुकडा भाई द्वारिकाप्रसाद अग्रवाल के साथ खर्च हुआ । पूर्व की भांति उन्होंने...
-डॉ संजय दानी ) एकदम तीर आगे हे हमर तिहार पोला अउ तीजा, बहिनी ला देखे बर बड़ फ़ुदकत हे...