नई कहानी : प्रेशियस स्टोन्स
सोचती रही कुछ पलों तक क्या करें ?तभी उसके हाथ से टकराया एक हाथ और हल्का सा उसकी पीठ को...
सोचती रही कुछ पलों तक क्या करें ?तभी उसके हाथ से टकराया एक हाथ और हल्का सा उसकी पीठ को...
■ स्मृतियों की कतरन ■ •|| एक ||• अभी इस समय दर्ज़ी क्यों याद आ गए कहना कठिन है! जबकि...
एक शाम आप दफ़्तर से घर आते हैं -- थके-माँदे । दरवाज़े पर लगा ताला आपको मुँह चिढ़ा रहा है...
शेफाली से बिछड़े अतुल को दस साल से ज्यादा हो गए थे पर अतुल उसे एक पल को नहीं भूल...
मूल लेखक : अन्तोन चेखव अनुवाद : सुशांत सुप्रिय सितम्बर की एक अँधेरी रात थी । डॉक्टर किरीलोव के इकलौते...
सन् 1947 के आसपास की बात है, गांधी जी के तीन बंदर देखकर लोग पूछने लगे थे- अभी तक ये...
असग़र वजाहत देश की सभी बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने एक राय होकर यह फैसला कर लिया कि बूढ़े लोग देश और...
—— सुशांत सुप्रिय लोग आपने-सामने की सीटों पर ऐसे बैठे थे जैसे खेत की क्यारियों में उगी हुई गोभियाँ हों...
शाम का समय था, थिरु अपने घर की ओर जा रही थी।दरअसल वह किसानों के घर काम करने जाती और...