आसान नहीं होता
हाँ ! आसान नहीं होता किसी सच्चे पुरुष के दिल मे रहना नहीं मानता वो अपनी दासी स्त्री को पौरुष...
हाँ ! आसान नहीं होता किसी सच्चे पुरुष के दिल मे रहना नहीं मानता वो अपनी दासी स्त्री को पौरुष...
उसे ख़ुश रहना आता है क्यों कि उसे ख़ुश रहने के लिए बड़ी ख़ुशियाँ नहीं चाहिए वो ख़ुश हो जाती...
_ लक्ष्मीकांत मुकुल सुबह की चंचल किरणें छू रही हैं गंगा के बहाव को उसके आभा से चमकते हैं बनारस...
हर साँस मुन्तज़िर है किसी इम्तिहान को कितना कठिन थामना गिरते मक़ान को । गेहूं को अपने रोए- कोई अपने...
पिता की हथेलियां बेहद खुरदुरी थीं जिनसे हमेशा ग्रीस की महक आती थी जिस कारण मैं हमेशा पिता के स्नेहिल...
चलते-चलते मिले राह में, मिलकर दोनो हर्षाए। मुग्ध हुए द्वय रहे देखते, बोल न अधरों से पाए।। अनजाने वे पथ...
डॉ हूबनाथ पाण्डेय की कविता- *ईद मुबारक!* इस बार भी शव्वाल का चांँद देखा और उदास हो गया इस बार...
बेटी मैं बेटी बहुत दुलारी हूँ । मैं सारे घर को प्यारी हूँ ।। मैं परी पिता के आँगन की।...
जोया के लिव इन रिलेशनशिप में रहने के फैसले ने कोहराम मचा दिया घर में पिता औरभाई की चिल्लाहट सुन...