April 20, 2025

कविता

डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय की कविताएं

सबने फूल -फूल चुन लिए,मैं कांटे उठा लाया। सब फूल झड़ गए,कांटों से कांटे निकालता रहा।। उनकी मुट्ठी में चांद...