April 20, 2025

कविता

मेरे पीहर मेरे अंचल के फूल

सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर.. पहाड़ियों पर बसा, बुद्धिजीवियों का नगर! नीचे तराई में छोटा सा गांव ग्वालमंडी! ताज्जुब होता...

लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की कविताएँ

मृत्यु जब मेरे सिरहाने खड़ी होगी... जब किसी दिन मृत्यु मेरे सिरहाने खड़ी होगी मुझे वास्तव में डरा रही होगी...

कोरोना रूपी ये अंधियारा शीघ्र भाग ही जायेगा

चारों ओर सन्नाटा पसरा और अंधियारी छाई है, क्रूर कोरोना ने मेरे भैया अपनी धूम मचाई है । और उग्र...