“तो आप लेखक बनना चाहते हैं”- चार्ल्स बुकोवस्की की लिखी कविता
मत लिखो - अगर फूट के ना निकले बिना किसी वज्ह के मत लिखो। अगर बिना पूछे-बताए ना बरस पड़े,...
मत लिखो - अगर फूट के ना निकले बिना किसी वज्ह के मत लिखो। अगर बिना पूछे-बताए ना बरस पड़े,...
सत्य पर विजय पाकर यारों विसर्जन कर आया हूँ बनवास। मुक्त करके और मुक्त होकर आया हूँ अपना घर निवास...
ट्यूबलाइट जलनी चाहिए! खुलेंगी करतूतें काली अंधेरगर्दी के काले चेहरें वर्दी में उलझी मोहरें अपराधों की काली छाया उजागर उत्कोच...
1 ऐसा हूँ मैं शास्त्र अनोखा , रुपए पैसे की नीति बनाता । कौटिल्य की हूँ रचना प्यारी , बोलो...
राजधानी में सवाल उठ रहा है कि किसानों ने धोती क्यों नहीं पहन रखी है मैली-कुचैली, क्यों नहीं है उनका...
सच बताना हे कवि! कोई सम्बन्ध तो नहीं तेरा किसी राजनीतिक पार्टी/किसी धर्म/किसी जाति किसी पशु विशेष से या ओढ़े...
रंग भरने का हुनर तुममें कहाँ है। तुम तो शोषित रक्त कर कामी बने हो।। करुणा की लयबद्धता को भ्रंश...
01/05/2008 ये तूफान यू ही नहीं उठे होगे कहीं पापी पेट की अगन से क्षुब्ध हो कर कोई बिलखता चुरा...
बंदरिया आंटी साड़ी बदलती नित - नित नई- नई सारे दिन फिर घूमा करती बाजार- हाट, डेहरी- डेहरी पान चबाती,...
आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ, मेरे दिल का हाल सुनाती हूँ। आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ,. उसकी याद...