November 21, 2024

कविता

यामिनी गुप्ता की दो कविताएं

पिघलती भट्टियां~~~~ कोरोना कर्फ्यू ‼️और _सड़कों पर पसरा सन्नाटाबेलगाम होता कोरोना संक्रमण ,रातों में भी सुलगते मोक्षधामएंबुलेंस के सायरन से...

एक कोशिश ताकां

जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...