राहुल शिवाय की ग़ज़लें
1. मैं हूँ बस एक इन्सां, इन्सां ही समझा जाये यक्षमुझको न कोई मज़हब या ज़ात ही बताये हम आइने...
1. मैं हूँ बस एक इन्सां, इन्सां ही समझा जाये यक्षमुझको न कोई मज़हब या ज़ात ही बताये हम आइने...
जन्म : ब्याना, करनाल (हरियाणा )विधा : छन्द, ग़ज़ल, गीत, बालगीत, भजन, हाइकु, सेदोका, चोका, क्षणिका, आलेख, समीक्षा, व्यंग्य एवं...
मदन कश्यप मेरे बालों में रूसियाँ थींतब भी उसने मुझे प्यार कियामेरी काँखों से आ रही थी पसीने की बूतब...
पिघलती भट्टियां~~~~ कोरोना कर्फ्यू ‼️और _सड़कों पर पसरा सन्नाटाबेलगाम होता कोरोना संक्रमण ,रातों में भी सुलगते मोक्षधामएंबुलेंस के सायरन से...
हे सभी धर्मों के वीतरागियों ,महानुभावों !परहित और मनुष्यता को हीधर्म का मूल मानने वालों !उपदेश देकरसेवा का पुण्य फल...
तुमने देखी है काशी?जहाँ, जिस रास्तेजाता है शव -उसी रास्तेआता है शव! शवों का क्याशव आएँगे,शव जाएँगे - पूछो तो,...
पुतरी पुतरा के बिहाव होवत हे , आशीष दे बर आहू जी ।भेजत हाँवव नेवता सब ला , लाड़ू खा...
जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...
नदी/पुष्पिता नदी के पासअपना दर्पण हैजिसमें नदी देखती है ख़ुद कोआकाश के साथ। नदी के पासअपनी भाषा हैप्रवाह में ही...