बस अब मुझे
बस अब मुझे कोलाहल चाहिए,बहुत हुआ,बस अब मुझेबाग में इतराते पंछियों काकलरव चाहिए। स्वरों की नदी में बहने का मन...
बस अब मुझे कोलाहल चाहिए,बहुत हुआ,बस अब मुझेबाग में इतराते पंछियों काकलरव चाहिए। स्वरों की नदी में बहने का मन...
जिस्म को ज़ख्म जो हर रोज नया देता है.मेरा ये दिल भी उसे रोज दुआ देता है. कितनी नफरत है...
पिता पिता नेआँखें बंद कर कहानहीं-नहींबेटी को किसीजानवर ने नोचा होगाबंदर,भालू या भेड़ियाये मनुष्य का काम नहीं तुम ठीक से...
डॉ अजय पाठक शहर कीजगमगाती रोशनी सेदामन छुड़ाती तंग बस्तियोंके मुहाने परअभी-अभी शब्दों की अर्थी निकली है राम नाम की...
आज प्रसिद्ध साहित्यकार शरद जोशी का जन्मदिन है। हिंदी व्यंग्य को प्रतिष्ठित करने में शरद जोशी का बड़ा नाम है।...
आज का दिन और अनुभवों का निचोड़ हम एक बहुत ही बुरे समय में जी रहे हैंलेकिन हम जी इसलिए...
आँसू गाँव हअपन लइका मन केरद्दाजोहत -जोहत रोवत हे,अँगाकर रोटीरांध केअब आही, तब आहीकहिकेओकर आँखी ह जोहत हे | मोर...
कुछ अरुण-दोहे : पतझर जैसा हो गया, जब ऋतुराज वसंत।अरुण! भला कैसे बने, अब कवि कोई पंत।। वृक्ष कटे छाया...
दहलीज़ एक दहलीज़ पार करदूसरी दहलीज़ की शोभाबढ़ाती हैं..ये लड़कियां थोड़ा सालाड़ पाते ही..खिलखिलाती हैं। मायके में शुभ कार्यों में..जब...
किताब के समान खुलेंगींयदि आपके घर की खिड़कियांतो अन्य दिनों सेकुछ भिन्न होगा बाहर का दृश्य खिड़की के समान खुलने...