यामिनी गुप्ता की दो कविताएं
पिघलती भट्टियां~~~~ कोरोना कर्फ्यू ‼️और _सड़कों पर पसरा सन्नाटाबेलगाम होता कोरोना संक्रमण ,रातों में भी सुलगते मोक्षधामएंबुलेंस के सायरन से...
पिघलती भट्टियां~~~~ कोरोना कर्फ्यू ‼️और _सड़कों पर पसरा सन्नाटाबेलगाम होता कोरोना संक्रमण ,रातों में भी सुलगते मोक्षधामएंबुलेंस के सायरन से...
हे सभी धर्मों के वीतरागियों ,महानुभावों !परहित और मनुष्यता को हीधर्म का मूल मानने वालों !उपदेश देकरसेवा का पुण्य फल...
तुमने देखी है काशी?जहाँ, जिस रास्तेजाता है शव -उसी रास्तेआता है शव! शवों का क्याशव आएँगे,शव जाएँगे - पूछो तो,...
पुतरी पुतरा के बिहाव होवत हे , आशीष दे बर आहू जी ।भेजत हाँवव नेवता सब ला , लाड़ू खा...
बच्चे नाराज हैंकि उन्हें उपदेश बहुत दिया जा रहापालतू पशु नाराज हैंकि उन्हें स्वतंत्र नहीं किया जा रहातोता नाराज हैकि...
जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...
नदी/पुष्पिता नदी के पासअपना दर्पण हैजिसमें नदी देखती है ख़ुद कोआकाश के साथ। नदी के पासअपनी भाषा हैप्रवाह में ही...
अलग कुर्सी से, हो गए पाए।जो थे सहारे,हो गए पराए ।। निशां तक नहीं,अहले वफा का।आदमी दिल लगाने,कहाँ जाए।। हुए...
मौला मुझको घर जाना है माई रस्ता देखे हैछत, पनियारा, ओसारा, अँगनाई रस्ता देखे है पिछली बार कहा था बेटा...
काँटों भरी डगर है आजशामत भरा सफ़र है आजमेघ घनेरे छाए हैंअँधियारों के साए हैंउम्मीदों के दीप जलापल में दिल...