किशोर कुमार धनावत की कविता
"खाली हाथ" आपदा का अवसर है,फायदा छोड़ दें|सेवा के कारक बनें,अहंकार तोड़ दें|मन में प्रतिज्ञा करें,काम शुरू कीजिए|जितना भी हो...
"खाली हाथ" आपदा का अवसर है,फायदा छोड़ दें|सेवा के कारक बनें,अहंकार तोड़ दें|मन में प्रतिज्ञा करें,काम शुरू कीजिए|जितना भी हो...
मेरे अन्दाज़ आज भी सबको पुराने लगते हैं।कल ही के तो सारे किस्से और फसाने लगते हैं।मैं वो काज ही...
समीक्षक- विभूति भूषण झा श्रीमती निमिषा सिंघल सर्वप्रथम “जब नाराज होगी प्रकृति” कविता संग्रह हेतु श्रीमती निमिषा सिंघलजी को मैं...
जनकवि की संवेदना व्यक्तिगत नहीं होती। उसकी रचनाओं में सार्वजनिक पीड़ा , मज़दूरों की जुझारू चेतना, व्यवस्था एवं प्रभुत्वसंपन्न वर्ग...
तोड़ वर्जना की हर बेड़ीमर्यादा का रखकर मान,आज चली भारत कीबेटी भरने नई उड़ान. सदियों पुरानी वो ज़ंजीरेंराहें जिनसे बाधित...
युवा लेखिका, दो हिंदी कथा संग्रह ज्ञानपीठ से, 5 हिंदी कविता संग्रह, दो अंग्रेजी कविता संग्रह। कई किताबें प्रकाशनाधीन। कई...
प्रेस-स्वातंत्र्य-दिवस पता नहीं अब है कि कब है ।। अरी ओ आजादी…।। अरी ओ आजादी !मेरी प्यारी आजादी !मेरी स्वप्न-प्रिये...
सांसें हैं ठिठकीनींदें बोझिल न देख पा रहे हैंन सोच पा रहे हैं नैतिकता उधड़ रही हैकमियां इमान की तोड़...
छत्तीसगढ़ किसानों और मजदूरों का प्रदेश है। यहाँ के कवियों ने किसानों और मजदूरों की संवेदनाओं को महसूस किया है...
मजदूर मुट्ठी में बंद उष्णता, सपने, एहसास लिए,खुली आंखों से देखता है कोई …..क्षितिज के उस पार। बंद आंखों से...