यादों का बोझ लिए
इंतजार में पत्थरायी आँखेंछुए जाने की प्रतीक्षा मेंदो व्याकुल अधखुले होंठउँगलियों के स्पर्श को आतुरहथेलियों की सैकड़ों रेखाएँविरह की पराकाष्ठा...
इंतजार में पत्थरायी आँखेंछुए जाने की प्रतीक्षा मेंदो व्याकुल अधखुले होंठउँगलियों के स्पर्श को आतुरहथेलियों की सैकड़ों रेखाएँविरह की पराकाष्ठा...
जौहरी की जगह कबाड़ी हैनासमझ धूर्त है , अनाड़ी है बातें करता है रोज़ सागर कीझाँककर देखिएगा हाँड़ी है लोभ...
"दाग देहलवी" बात मेरी कभी सुनी ही नहींजानते वो बुरी भली ही नहीं दिल-लगी उन की दिल-लगी ही नहींरंज भी...
ग़ज़ल का प्रयास हम बुरे हैं या भले हैंएक अपनी रह चले हैं ख़्वाब देखे ढेर सारेबेख़ुदी के सिलसिले हैं...
मैं स्त्री हूँ बस स्त्री रहने दो नहीं बनना है मुझें बुद्ध, महावीरन निर्वाण प्राप्ति की चाह है मुझेंइस मोह...
संघर्ष जन्म से मृत्यु पर्यन्तकरता है तू संघर्षतब तो तूने जीवनजीया भरपूर। मां की कोख मेंनन्हे अंकुर से लेकरदुनिया में...
तुम तो हसीं ख्वाब हो,जो देखा है मैंने जागी आँखों से तुम तो वो माहताब हो,जो बिखेरता है प्रेम-रूपी चाँदनी...