दो दूना पाँच
सुशांत सुप्रिय कैसा समय है यह / जब भेड़ियों ने हथिया ली हैं / सारी मशालें / और हम निहत्थे...
सुशांत सुप्रिय कैसा समय है यह / जब भेड़ियों ने हथिया ली हैं / सारी मशालें / और हम निहत्थे...
ग़ज़ल : 1 जब से बाज़ार हो गई दुनिया तब से बीमार हो गई दुनिया चंद तकनीक बाज़ हाथों में...
मुझे अपने अस्तित्व को सार्थक करना है। हस्ती भले ही हो पल दो पल की किंतु सुमन बनकर अपनी महक...
मेरे हिस्से के डा.बलदेव ***************** डाँ. देवधर महंत सुरभि स्वत : स्वयमेव विकीर्ण हो जाती है ,उसे किसी विज्ञापन या...
बहर - बहरे रमल मुसम्मन महज़ूफ़ अर्कान - फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन् फ़ाइलुन् वज़्न - 2122 2122 2122 212 🌹 ग़ज़ल🌹...
"नवगीत के समर्थ आलोचक और युवा नवगीतकार अवनीश सिंह चौहान के संपादन में आया हुआ 'नवगीत वाङ्मय' हमारे सामने है।...
दुःख दर्द मान अपमान चोट घाव चीख आहें कविता इसी दुनिया में बनती बिगड़ती है देखता हूँ कितनी बन सकी...
गांधी जी का प्रथम छत्तीसगढ़ प्रवास दिनांक 20 / 21 दिसंबर सन 1920 में हुआ था दिसंबर 2020 में गांधीजी...
चंदैनी गोंदा का नाम लेते ही अनेक नाम याद आने लगते हैं। संस्थापक दाऊ रामचंद्र देशमुख, गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया, रविशंकर...
बहुत से व्यक्ति किसी विधा-विशेष में दक्ष होते हैं, उन्हें हम उनकी विशेष विधा के कारण पहचानते हैं। कुछ व्यक्ति...