भारती शर्मा की दो कविताएं
शब्द और अर्थ ऐसा होता है अक्सर मेरे साथ कभी शब्द खो जाते हैं तो कभी अर्थ ही गुम जाते...
शब्द और अर्थ ऐसा होता है अक्सर मेरे साथ कभी शब्द खो जाते हैं तो कभी अर्थ ही गुम जाते...
शाम का समय था, थिरु अपने घर की ओर जा रही थी।दरअसल वह किसानों के घर काम करने जाती और...
ग़ज़ल- 01 हर ज़िन्दगी की होती इक जैसी ही कहानी। होता पुराना किस्सा , होती नई कहानी। हर दिल है...
ग्रीष्म में शीतल एहसास गुलमोहर को बनाता ख़ास धूप की झुलसाती तपिश में घर से बाहर निकलने की बंदिश में...
डॉ.नूतन पाण्डेय सहायक निदेशक,केंद्रीय हिंदी निदेशालय शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार ई-मेल-pandeynutan91 @gmail.com इंद्र बहादुरखरे हिंदी जगत की वे महान विभूति हैं,जिन्होंने...
1 ख़ूब मुनादी करवा दी है, जश्न मनाओ बस्ती में कल फिर शादी है, जश्न मनाओ सबसे नीचे दबी हुई...
डॉ. शुभ्रता मिश्रा वास्को-द-गामा, गोवा shubhrataravi@gmail.com मोबाइल 8975245042 विश्व मेंकुल पांच महासागर यथा प्रशांत, हिंद,अटलांटिक, आर्कटिक और दक्षिणी महासागर और...
एक थी गुलख़ोर चिड़िया। उसने दूसरी चिड़ियाओं पर तंज़ कसते हुए कहा," तुम सब नाहक पेट के लिए इतना मशक्कत...