मर्यादा कहने सुनने की (ताटंक)
कहने सुनने वाली भाषा, शान मर्यादा रखती है। केवल कहने सुनने से जो, दुख भी आधा करती है। बातचीत ऐसा...
कहने सुनने वाली भाषा, शान मर्यादा रखती है। केवल कहने सुनने से जो, दुख भी आधा करती है। बातचीत ऐसा...
हँसने वाला और हँसेगा इससे ज़्यादा क्या होगा मेरा ग़ुस्सा और बढ़ेगा इससे ज़्यादा क्या होगा पानी मेरे शहर तलक...
"कवि सम्मेलन के मंच केवल हाँसी ठिठोली बर नइ होवय, मंच के माध्यम ले कवि संदेश देथे समाज ला अउ...
एक घाव एक झिन रद्दा रेंगइया मनखे हर जंगल कोती ले जावत रिहिस। जेठ के महिना रिहिस। घाम हर मुड़ी...
विज्ञान व्रत हमारे समय की ग़ज़ल का एक सुपरिचित नाम हैं। पिछले कुछ दशकों में ये ग़ज़ल और हिन्दी ग़ज़ल...
पत्रकारिता और साहित्य कभी समाज के दो पलड़े रहे होंगे। जो भी पत्रकार होता था कमोवेश सहित्य में भी दखल...
कश्तियां मझधार में हैं नाख़ुदा कोई नहीं अपनी हिम्मत के अलावा आसरा कोई नहीं शोहरतों ने उस बुलंदी पर हमें...
एक प्रेस विज्ञप्ति में पुरस्कार की घोषणा करते हुए संस्था की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने कहा हेमंत फाउंडेशन (पंजीकृत)...
1947 में बीकानेर राजस्थान में जन्मीं रेशमा ने बेहद कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था। जब वह 12...
आलेख हमर छत्तीसगढ़ म अब्बड़ तिहार मनाये जाथे; अउ मनाना घलो चाही, काबर की तिहार मनाये ले लोगन म मया-दुलार...