गुरु पूर्णिमा पर्व की सभी को मंगलकामनाएंँ
यह एक आलेख, जो कल राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हुआ, आज विस्तृत रूप में यहांँ पढ़ा जा सकता है। –...
यह एक आलेख, जो कल राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हुआ, आज विस्तृत रूप में यहांँ पढ़ा जा सकता है। –...
सावन के बादल घिर रहे हैं घिर रहे हैं अभी घिर ही रहे हैं और हवा की गति बढ़ गई...
नहीं चाहिए नहीं चाहिए किसी को प्रेम! आज की दुनिया जैसी नहीं है रफ़्तार उसकी अलग-थलग पड़ा रहता है कोने...
विमर्श केंद्रित संस्था 'आयाम' का सम्मान 2024 इस वर्ष चर्चित कवि, कथाकार- उपन्यासकार और आलोचक डा.भरत प्रसाद को दिया जाएगा....
अपने भीतर अवसादों को भोगूँ या फिर आह! करूँ। जिस जग ने मुझको ठुकराया उसका क्यों परवाह करूँ।। मेरे होने...
समीक्षक-डॉ. सुभाषिनी लता कुमार ----------------------- प्रलेक, मुंबई ने अभी-अभी एक पुस्तक प्रकाशित की है। उसका शीर्षक है ‘मॉरीशस और फीजी:...
पौधा कोई पतझर में भी सूखा न छोड़िए लौट आएगी बहार, यह आशा न छोड़िए माँगे की रोशनी का भरोसा...
तुम्हारे जन्म की तारीख और जगह नही जानती थी पर तब भी पता था कि इस दुनिया मे तुम हो...
यह भारतीय रेल की उदारता थी जो मात्र पन्द्रह रुपये के टिकट में पन्द्रह स्टेशन दिखला देता है। सहयाद्रि पर्वत...
आती और जाती साँसों के संघर्षों में हारकर इक दिन हम भी टंग जायेंगे फोटो बन दीवार पर. अभी पिताजी...