“काँटों भरी डगर है आज”
काँटों भरी डगर है आजशामत भरा सफ़र है आजमेघ घनेरे छाए हैंअँधियारों के साए हैंउम्मीदों के दीप जलापल में दिल...
काँटों भरी डगर है आजशामत भरा सफ़र है आजमेघ घनेरे छाए हैंअँधियारों के साए हैंउम्मीदों के दीप जलापल में दिल...
बहुत-बहुत बधाइयों के साथ ही उनके छत्तीसगढ़ी काव्य संकलन तपत कुरु भइ तपत कुरु" में प्रकाशित आत्म-कथ्य के कुछ महत्वपूर्ण...
लिख रही हूँ आज फिर मैंएक नया इतिहास!भीड़ लगी है बीते पलों कीजीवन के पन्नों के आसपास!सुख के सपने कुछ...
शराब, मय, मयकदा, रिन्द, जाम, पैमाना, सुराही, साकी आदि विषय-वस्तु पर हजारों गजलें बनी, फिल्मों के गीत बने, कव्वालियाँ बनी।...
आओ आज हँसते हंसाते हैमाहौल को आसान बनाते हैबहुत हो चुका अब तकबाते कोरोना की ही करते हर कोई उदास...
1- छन्द के छ के प्रेरणा स्त्रोत: (अ) छत्तीसगढ़ के गिरधर कविराय के रूप में सुप्रसिद्ध मेरे पिताजी जनकवि कोदूराम...
लालित्य ललित उसका रास्ता मत रोकोउसे छन कर आने दोखिड़की-किवाड़ों को खोल दोउसे आने दोमन भी स्वच्छ होगा और तन...
लालित्य ललित दिनचर्या कोई आसान नहीं होती एक स्त्री के लिएजो सारा दिन काम करती है और सबके लंच के...
लालित्य ललित हार जाता हैअपने ही नालायक बच्चों सेबच्चों के लिएउसका मूल्य तभी तक रहता हैजब तक वह प्रोपर्टी के...
रतनपुर के कलचुरियों के उत्कर्ष के समय भी छत्तीसगढ़ क्षेत्र में उनके प्रतिस्पर्धी, सहयोगी अथवा अधीनस्थ शासक अथवा सामन्त हुए...