“हे आम्र-वृक्ष “
आज अपने गांव जाते समय आम्र-वृक्ष आम्र मंजरी से श्रृंगारित बहुत ही लुभावने लगे कुछ पँक्तियाँ भी मचल उठीं मन...
आज अपने गांव जाते समय आम्र-वृक्ष आम्र मंजरी से श्रृंगारित बहुत ही लुभावने लगे कुछ पँक्तियाँ भी मचल उठीं मन...
चलो आज फ़ुरसत से कुछ पन्ने पुराने पलट लिए जाएं ll इस से पहले कि बन जाऐं नासूर सब के...
मित्रता उच्चतर मानवीय मूल्यों में से एक है.सच्चा मित्र हमारे सुख-दुख का साथी और सहारा होता है.वह न केवल हमारे...
है आंख नम तो क्या मुस्कुरायें। बताओं कब तक ये गम छुपायें? तुम्हें मुबारक तुम्हारी खुशियां, हमारी किस्मत है छ्टपटायें...
पृथ्वी ने जन्म लिया किसी स्त्री की तरह। किसी ने नहीं नोट की उसकी जन्म तिथि, पता नहीं सूरज खुश...
हर विकासशील भारतीय भाषा का एक अपना विश्व होता है जो स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक के बौद्धिक त्रिभुज से बनता...
कवि कालिदास के जीवन को आधार बनाकर रचा गया प्रतिष्ठित कथाकार एवं नाटककार मोहन राकेश का नाटक 'आषाढ़ का एक...
कुछ समय पहले एक यात्रा में 'मन्नू भण्डारी की प्रतिनिधि कहानियाँ' पुस्तक साथ रख ली थी। अमूमन मैं एक तरह...
शिव मेरे!! माना तुम हो औघड़ दानी मैं भी गंग धार नही न धरो मुझे सिर माथे सिरमौर बना न...
लेखक - डॉ ब्रजेश वर्मा कुछ प्रश्न सदैव अनुत्तरित रहते हैं। दुर्भाग्य से यह प्रश्न जब करोड़ों लोगों के हृदय...