नमन मां शारदे
दिल पे छाएगी ख़ुमारी देखना। अपनी भी नग़मानिगारी देखना। शर्तिया जाएगा ये गुल जान से। हो गई कांटों से यारी...
दिल पे छाएगी ख़ुमारी देखना। अपनी भी नग़मानिगारी देखना। शर्तिया जाएगा ये गुल जान से। हो गई कांटों से यारी...
कि एक शाँत समंदर सी लड़की, चुलबुली चहकती चिड़िया सी लगी, उसके धीमे कदमों की आहट भी, बारिशों में थिरकते...
बेटियाँ बेटियाँ घर की सुहानी भोर है अब उजाला देख लो चहुँओर है ।। पीर सहके भी नहीं कुछ बोलती...
तेरी यादों से बातों से मुझे फुरसत नहीं मिलती। मेरे ख़्वाबों में उभरी जो वही मूरत नहीं मिलती। कई चेहरे...
अबला तेरी यही कहानी, खटना, पिटना, कटना, आँचल में है दूध, और आँखों में पानी। कवि को इस हक़ीक़त से...
कविता 1.एक बेहतर दुनिया के लिए ------------------------------------------- एक बेहतर दुनिया के लिए वह घरों से बाहर आई सड़कों पर उतरी...
7 नवंबर को रवींद्रनाथ टैगोर विवि भोपाल के शारदा हॉल में आयोजित विश्वरंग-विज्ञान पर्व के तहत सर सीवी रामन विज्ञान...
तुम ये न स्वीकारोगे ? कि इश्वर प्रदत्त कुछ नही पहले ईश्वर मुस्कुराते थे! अब नाराज दिखते है। मेरे ईश्वर...
पहाड़ों के देवता की बेटी या रंभा,उर्वसी या मेनका या जंगल के राजा की पत्नी या हो पद्मावती या शकुंतला...
दुविधा के दुर्गम जंगल में हम राही पथ भटक गये हैं , जाने हम किन -किन की आंखों में बरसों...