अबला तेरी यही कहानी
अबला तेरी यही कहानी, खटना, पिटना, कटना, आँचल में है दूध, और आँखों में पानी। कवि को इस हक़ीक़त से...
अबला तेरी यही कहानी, खटना, पिटना, कटना, आँचल में है दूध, और आँखों में पानी। कवि को इस हक़ीक़त से...
कविता 1.एक बेहतर दुनिया के लिए ------------------------------------------- एक बेहतर दुनिया के लिए वह घरों से बाहर आई सड़कों पर उतरी...
7 नवंबर को रवींद्रनाथ टैगोर विवि भोपाल के शारदा हॉल में आयोजित विश्वरंग-विज्ञान पर्व के तहत सर सीवी रामन विज्ञान...
तुम ये न स्वीकारोगे ? कि इश्वर प्रदत्त कुछ नही पहले ईश्वर मुस्कुराते थे! अब नाराज दिखते है। मेरे ईश्वर...
पहाड़ों के देवता की बेटी या रंभा,उर्वसी या मेनका या जंगल के राजा की पत्नी या हो पद्मावती या शकुंतला...
दुविधा के दुर्गम जंगल में हम राही पथ भटक गये हैं , जाने हम किन -किन की आंखों में बरसों...
आज फिर 8 मई आई है साथ अपने मां को समर्पित दिन लाई है बात चली है दोस्तों में, भाई...
दुविधा के दुर्गम जंगल में हम राही पथ भटक गये हैं , जाने हम किन -किन की आंखों में बरसों...
यदि मुझे काजल लगाना पड़े तुम्हारे लिए, बालों और चेहरे पर लगाना पड़े रंग , तन पर छिड़कना पड़े सुगंध,...
आपत्तिअन्यायसंघर्ष में भी रहे देव अपनी अलख तुम जगाए | प्रात: किरण-से उगेतुमजगत में (मुकुलित कमल-सा हुआ मुग्धनत मैं )...