November 22, 2024

कविता

(यह कविता उन सभी लोगों को समर्पित है जो अपने प्रिय से दूर आखरी साँसें गिन रहे हैं और अपने प्रिय की एक झलक पाना चाहते हैं)

आख़िरी गीत --------------------- आख़िरी गीत.. मुहब्बत का.. गुनगुना तो चलूँ। अंधेरा छा रहा है.. दीया लड़खड़ा रहा है.. झलक मिल...