दिलशाद सैफी की दो कविताएं
मैं स्त्री हूँ बस स्त्री रहने दो नहीं बनना है मुझें बुद्ध, महावीरन निर्वाण प्राप्ति की चाह है मुझेंइस मोह...
मैं स्त्री हूँ बस स्त्री रहने दो नहीं बनना है मुझें बुद्ध, महावीरन निर्वाण प्राप्ति की चाह है मुझेंइस मोह...
"तत्वमसि" से उच्छवसित होकर "अहम् ब्रह्मास्मि" तक की ये जीवन-यात्रा भी बड़ी अद्भुत है ।यहाँ हर युक्त का वियुक्त होना...
संघर्ष जन्म से मृत्यु पर्यन्तकरता है तू संघर्षतब तो तूने जीवनजीया भरपूर। मां की कोख मेंनन्हे अंकुर से लेकरदुनिया में...
गिरीश पंकज ब्लॉगिंग की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले असरदार सरदार (बलविंदर सिंह ) बीएस पाबला जी भी...
राजा जी ने दिए हैं आंसू ------------------------‐-----राजा जी ने दिए हैं आंसूहंसकर रोना है,हमने जो बिरवे बोएफल उसी का होना...
महावीर जयंती पर विशेष आलेख- डाॅ अभिलाषा जैन भांगरे, छिंदवाड़ाजैन धर्म के प्रवर्तक 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर की आज...
मां के बारे में क्या लिखूं…तेज धूप में घनी छांव सीसर्दी में ठिठुरते तन कोरुई की नरम रजाई सीजिसकी गोद...
विजयाकांत वर्मा भोपाल प्राइवेट जाॅब बॉस के कमरे से निकली तो श्वेता का रंग जैसे डर के मारे उसके नाम...
लघुकथा : अहसान रितु ब्याह कर जब अपने परिवार में आई सभी से उसका परिचय हुआ । बाद में आई...
मुक्तिबोध की कविताएं गहन रूपकात्मकता में आधुनिक मनुष्य के अंतर्द्वंद्व,उसकी पीड़ा, संघर्ष को प्रकट करती हैं।उनके यहां वैचारिक अंतर्द्वंद्व अत्यधिक...