April 18, 2025

Year: 2021

आकांक्षा तिवारी “वर्षा” की कविताएँ

संघर्ष जन्म से मृत्यु पर्यन्तकरता है तू संघर्षतब तो तूने जीवनजीया भरपूर। मां की कोख मेंनन्हे अंकुर से लेकरदुनिया में...

स्मृति शेष : बीएस पाबला नहीं रहे ब्लॉगिंग की दुनिया के बेताज बादशाह

गिरीश पंकज ब्लॉगिंग की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले असरदार सरदार (बलविंदर सिंह ) बीएस पाबला जी भी...

भगवान महावीर के संदेश और भी ज्यादा प्रासंगिक: कोरोना महामारी के संदर्भ में

महावीर जयंती पर विशेष आलेख- डाॅ अभिलाषा जैन भांगरे, छिंदवाड़ाजैन धर्म के प्रवर्तक 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर की आज...

महिला सशक्तीकरण पर दो लघुकथाएं

विजयाकांत वर्मा भोपाल प्राइवेट जाॅब बॉस के कमरे से निकली तो श्वेता का रंग जैसे डर के मारे उसके नाम...

चम्बल की घाटी में : मुक्तिबोध

मुक्तिबोध की कविताएं गहन रूपकात्मकता में आधुनिक मनुष्य के अंतर्द्वंद्व,उसकी पीड़ा, संघर्ष को प्रकट करती हैं।उनके यहां वैचारिक अंतर्द्वंद्व अत्यधिक...