“चाँद से बाते”
आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ, मेरे दिल का हाल सुनाती हूँ। आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ,. उसकी याद...
आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ, मेरे दिल का हाल सुनाती हूँ। आ चाँद तुझे मैं बताती हूँ,. उसकी याद...
एक पत्र बेटे के लिए परमप्रिय_शौर्यमन, संचार क्रांति के इस दौर में पत्रों का अस्तित्व भले ही समाप्त हो गया...
हौसलों का क्या करेंगे जब सलामत सर नहीं कैसे ले परवाज़ वो पंछी कि जिसके पर नहीं //१// इक मुसलसल...
प्रिय भारत! शोध की खातिर किस दुनिया में ? कहां गए ? साक्षात्कार रेणु से लेने ? बातचीत महावीर से...
'रंगभूमि' प्रेमचन्द का महत्वपूर्ण उपन्यास है। इसका प्रकाशन 1925 मे हुआ था; और यह तत्कालीन समय के राजनीतिक, सामाजिक यथार्थ...
आज मंगलू फिर दारू पीकर घर लौटा। अबकी बार वह दिन में ही पीकर आया था। घर आते ही उसने...
होता है श्रमशील जो धैर्य वृत्ति के साथ। मधुर वचन सम्मान से पकड़े जन का हाथ।। सदा लक्ष्मी की कृपा...
सुशांत सुप्रिय कैसा समय है यह / जब भेड़ियों ने हथिया ली हैं / सारी मशालें / और हम निहत्थे...
ग़ज़ल : 1 जब से बाज़ार हो गई दुनिया तब से बीमार हो गई दुनिया चंद तकनीक बाज़ हाथों में...
मुझे अपने अस्तित्व को सार्थक करना है। हस्ती भले ही हो पल दो पल की किंतु सुमन बनकर अपनी महक...