April 20, 2025

Year: 2021

आज का कवि : दुर्गा पारकर की दो कविताएं

आँसू गाँव हअपन लइका मन केरद्दाजोहत -जोहत रोवत हे,अँगाकर रोटीरांध केअब आही, तब आहीकहिकेओकर आँखी ह जोहत हे | मोर...

प्रकृति-सौंदर्य के कुशल चितेरे, छायावाद के प्रमुख स्तंभ कवि सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर

कुछ अरुण-दोहे : पतझर जैसा हो गया, जब ऋतुराज वसंत।अरुण! भला कैसे बने, अब कवि कोई पंत।। वृक्ष कटे छाया...

फ़लस्तीनी पहचान और महात्मा गाँधी

मैं सलमान रूश्दी की किताब 'इमेजनरी होमलैंड्स' में एडवर्ड सईद से उनकी एक बातचीत पढ़ रहा था। सलमान इस्लाम के...