सिनेमा, क्रिकेट और राजनीति पर पैनी दृष्टि
मित्रों,एक बात मेरी समझ में कभी नहीं आई किये फिल्म अभिनेता (या अभिनेत्री) ऐसा क्या करते हैं कि इनको एक...
मित्रों,एक बात मेरी समझ में कभी नहीं आई किये फिल्म अभिनेता (या अभिनेत्री) ऐसा क्या करते हैं कि इनको एक...
स्मृति शेष / श्री शिवअनुराग पटेरिया आंचलिक पत्रकारिता के जुझारू हस्ताक्षर विजयदत्त श्रीधर उन्नीस सौ अस्सी के दशक की शुरुआत...
हे सभी धर्मों के वीतरागियों ,महानुभावों !परहित और मनुष्यता को हीधर्म का मूल मानने वालों !उपदेश देकरसेवा का पुण्य फल...
तुमने देखी है काशी?जहाँ, जिस रास्तेजाता है शव -उसी रास्तेआता है शव! शवों का क्याशव आएँगे,शव जाएँगे - पूछो तो,...
पुतरी पुतरा के बिहाव होवत हे , आशीष दे बर आहू जी ।भेजत हाँवव नेवता सब ला , लाड़ू खा...
जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...
सर्वप्रथम “ये दुनिया वाले पूछेंगे” व्यंग्य संग्रह हेतु डॉ. प्रदीप उपाध्यायजी को बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ. इस पुस्तक का प्रकाशन सर्वप्रिय...
निंदक नियरे न राखिएकुछ दिनों पूर्व सैकड़ों रचनाकारों के वाट्सएप समूह से एक लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार को केवल इसलिए रिमूव कर...
नदी/पुष्पिता नदी के पासअपना दर्पण हैजिसमें नदी देखती है ख़ुद कोआकाश के साथ। नदी के पासअपनी भाषा हैप्रवाह में ही...