November 23, 2024

Year: 2021

एक कोशिश ताकां

जीवन मेरातुझको समर्पणआस लगाईराह तकती आखेंकब आये साजन!!नयनों नीरक्यूं ना समझे पीरसांझ सवेरेतडपूं निसदिनस्वप्न हुये अधीर!!मुर्शीद मेराबसता रग रगसांसें उससेसाया...

समीक्षा : मुस्कान के साथ सोचने को विवश करती “ये दुनिया वाले पूछेंगे”

सर्वप्रथम “ये दुनिया वाले पूछेंगे” व्यंग्य संग्रह हेतु डॉ. प्रदीप उपाध्यायजी को बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएँ. इस पुस्तक का प्रकाशन सर्वप्रिय...