April 19, 2025

Year: 2021

इक ताज़ा ग़ज़ल के चंद अशआर आप सभी की खिदमत में पेश है मुलाहिज़ा हो…..

हौसलों का क्या करेंगे जब सलामत सर नहीं कैसे ले परवाज़ वो पंछी कि जिसके पर नहीं //१// इक मुसलसल...

लघुकथा : मिलाद उन नबी का पावन त्यौहार और शरद पूर्णिमा की मीठी खीर

आज मंगलू फिर दारू पीकर घर लौटा। अबकी बार वह दिन में ही पीकर आया था। घर आते ही उसने...