पिता चले गए
कुछ ही तो दिन हुएजब माँ चली गई थीतब पिता के पैरों के छालेइतने पारदर्शी पहली बार दिखेपहले तो माँ...
कुछ ही तो दिन हुएजब माँ चली गई थीतब पिता के पैरों के छालेइतने पारदर्शी पहली बार दिखेपहले तो माँ...
1. मैं हूँ बस एक इन्सां, इन्सां ही समझा जाये यक्षमुझको न कोई मज़हब या ज़ात ही बताये हम आइने...
जन्म : ब्याना, करनाल (हरियाणा )विधा : छन्द, ग़ज़ल, गीत, बालगीत, भजन, हाइकु, सेदोका, चोका, क्षणिका, आलेख, समीक्षा, व्यंग्य एवं...
मदन कश्यप मेरे बालों में रूसियाँ थींतब भी उसने मुझे प्यार कियामेरी काँखों से आ रही थी पसीने की बूतब...
आजकल इस महामारी के समय मन बहुत ही व्यथित रह रहा है। न्युज चैनल हों या सोशल मीडिया सभी जगह...
उमाकांत खुबालकर के सद्यःप्रकाशित कहानी संग्रह ‘दंडनायक’ से गुजरना एक अनुभव संसार से गुजरना है। आज के साहित्यकारों में उमाकांत खुबालकर एक...
राहुल और मनोज दो शरीर एक जान मित्र थे ।कुछ निहायती व्यक्तिगत कार्यों को छोड़कर प्रत्येक कार्य साथ -साथ करते...
बात अक्टूबर 2003 की है| रायपुर में मेरा सपनों का घर तैयार हुआ और मैंने अक्टूबर मध्य में गृहप्रवेश किया|...
पिघलती भट्टियां~~~~ कोरोना कर्फ्यू ‼️और _सड़कों पर पसरा सन्नाटाबेलगाम होता कोरोना संक्रमण ,रातों में भी सुलगते मोक्षधामएंबुलेंस के सायरन से...
ईश्वर अल्लाह तेरो¨ नामसबको सन्मति दे भगवान मेरी जिंदगी मुझसे हिसाब मांगे, खुदा की दी यह अमानत पल-पल का खिताब...